अभी तो साथ चलना है समंदर की शायरी, गिला शिकवा << एक दिन भी ना निभा सकेंगे ... करो फिर से कोई वादा कभी न... >> अभी तो साथ चलना है, समंदर की मुसाफत में,किनारे पर ही देखेंगे, किनारा कौन करता है। Share on: